मै फिर भी मैसेज कर देता हूँ
कितनी परेशान होती होगी वो उँगलियाँ भी ना
जो ये जानने के बाउजूद भी की सामने वाला इससे इर्रिटेट हो जायेगा
फिर भी मैसेज कर दिया करती है
हम सब अपनी लाइफ में वयस्त है
सबके पास बहुत काम वक़्त है एक दूसरे के लिए
और शायद वक़्त ही नहीं है
जो हम हर किसी को दे भी नहीं सकते
अगर कोई तुम्हे मैसेज कर रहा है
पूछ रहा है फ़िक्र करता है तुम्हारी
तो उसके लिए तुम्हे वक़्त देना जरुरी हुआ ना
ठीक ऐसे ही,
तुम्हारी लाइफ में भी कुछ लोग ऐसे होंगे
जिन्हे वक़्त देना तुम्हे जरूरी लगता होगा
किसी से अटैच हो जाना बहुत अजीब है
खुद से हम किसी को फील नहीं करा सकते
और सामने वाला खुद से फील करने लगे
ऐसे चान्सेस बहुत कम होते है
ज्यादा मैसेज करना ज्यादा पोस्सेसिव हो जाना गलत है
लेकिन मुझे क्या खबर सही और गलत की
जिसे सिर्फ तुमसे बात करने से मतलब हो
मैं शायद नहीं समझ पाता
की इतना भी कोई वयस्त रहता है अपनी लाइफ में
वक़्त लगेगा समझने में और खुद को समझाने में
फिर तुम्हारे लिए शायद ये उँगलियाँ इतना परेशान नहीं होंगी
या कहो फिर तुम्हे शायद ये उँगलियाँ इतना परेशान नहीं करेंगी
वक़्त तुम्हारा भी ज़रूरी है
वक़्त मेरा भी जरूरी है
पर शायद फ़र्क़ सिर्फ इतना है
मेरा तुम्हारे लिए ज़रूरी है
और तुम्हारा शायद। ...किसी ओर के लिए
कितना परेशान होती होंगी वो उंगलिया भी
जो ये जानने के बाऊजुद भी की सामनेवाला इससे इर्रिटेट हो जायेगा
फिर भी मैसेज कर दिया करती है
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